ओम् शान्ति। बाप बच्चों को समझाते हैं – मीठे बच्चे, अन्तर्मुखी बनो। अन्तर्मुखता अर्थात् कुछ भी बोलो नहीं। अपने को आत्मा समझ बाप को याद करो। यह बाप बैठ शिक्षा देते हैं बच्चों को। और कुछ भी बोलने का इसमें है नहीं। सिर्फ समझानी दी जाती है। गृहस्थ व्यवहा…